美人一何丽。颜若芙蓉花。一顾乱人国。再顾乱人家。
未乱犹可奈何。
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仰瞻帷幕。
俯察几筵。
其物如故。
其人不存。
神灵倐忽。
弃我遐迁。
靡瞻靡恃。
泣涕连连。
呦呦游鹿。
衔草鸣麑。
翩翩飞鸟。
挟子巢栖。
我独孤茕。
怀此百离。
忧心孔疚。
莫我能知。
人亦有言。
忧令人老。
嗟我白发。
生一何早。
长吟永叹。
怀我圣考。
曰仁者寿。
胡不是保。
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丹霞蔽日。
采虹垂天。
谷水潺潺。
木落翩翩。
孤禽失羣。
悲鸣云间。
月盈则冲。
华不再繁。
古来有之。
嗟我何言。
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丹霞蔽日。
采虹垂天。
谷水潺潺。
木落翩翩。
孤禽失羣。
悲鸣云间。
月盈则冲。
华不再繁。
古来有之。
嗟我何言。
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仰瞻帷幕。
俯察几筵。
其物如故。
其人不存。
神灵倐忽。
弃我遐迁。
靡瞻靡恃。
泣涕连连。
呦呦游鹿。
衔草鸣麑。
翩翩飞鸟。
挟子巢栖。
我独孤茕。
怀此百离。
忧心孔疚。
莫我能知。
人亦有言。
忧令人老。
嗟我白发。
生一何早。
长吟永叹。
怀我圣考。
曰仁者寿。
胡不是保。